राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित होटल एमरॉल्ड ग्रैण्ड में आज 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस–2025 का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने शिरकत कर दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कॉन्फ्रेंस स्थल पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ ही विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों के स्टॉल का निरीक्षण कर स्थानीय कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन दिया। दरअसल, देहरादून 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी कर रहा है, जिसमें देशभर के जनसंपर्क एवं कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स भाग ले रहे हैं। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा आयोजित यह सम्मेलन “विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी” थीम पर केंद्रित है। तीन दिवसीय इस आयोजन में उत्तराखंड की 25 वर्ष की विकास यात्रा, मीडिया व जनसंपर्क की भूमिका, तकनीक, GST, AI, साइबर क्राइम, मिसइन्फॉर्मेशन और अंतरराष्ट्रीय जनसंपर्क जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित होंगे। इसके अतिरिक्त रूस से आए प्रतिनिधियों की सहभागिता सम्मेलन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देगी।
इस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने देशभर से आए जनसंपर्क विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों एवं युवा प्रतिभाओं का स्वागत करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम “पीआर विजन फॉर–2047″ विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में पब्लिक रिलेशन केवल सूचना संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अंग बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में, जहाँ एक ओर सूचना की प्रचुरता है, वहीं दूसरी ओर गलत सूचना की चुनौती भी गंभीर है। ऐसे में सरकार और जनता के बीच सही, समयबद्ध और भरोसेमंद संवाद स्थापित करना जनसंपर्क की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे प्राकृतिक आपदाओं एवं सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य में संवाद केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विश्वास की बुनियाद है।
PR व्यवस्था बनेगी आपदा कमांड सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन, सुशासन, धार्मिक स्थलों और पर्यटन से जुड़े कामों में भविष्य की पीआर व्यवस्था को और तेज, तकनीकी रूप से मजबूत और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशील बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच संबंध आदेश पर नहीं, बल्कि साझेदारी और विश्वास पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि पब्लिक रिलेशन संकट के समय एक मजबूत “कमांड सेंटर” की तरह काम कर सकता है और देश के लिए एक सकारात्मक सोच या नैरेटिव बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से निकला यह विजन “विकसित भारत–2047” के निर्माण में योगदान देगा। मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रगति की चर्चा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड लगातार विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024–25 में राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार करीब 3.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगा और प्रति व्यक्ति आय भी काफी बढ़ी है। इसके साथ ही राज्य के बजट में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और बेरोजगारी दर ऐतिहासिक रूप से घटी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, हवाई और रेल संपर्क जैसे क्षेत्रों में आधुनिक ढांचा तेजी से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि धार्मिक पर्यटन, वेलनेस, एडवेंचर टूरिज्म, फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उत्तराखंड को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में लगातार काम चल रहा है।
एक जनपद-दो उत्पाद, मिलेट मिशन से स्थानीय आजीविका मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे, रोपवे और हवाई अड्डों का विस्तार जैसे काम उत्तराखंड को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। शीतकालीन यात्रा जैसी पहल पूरे साल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि निवेश और उद्योग के क्षेत्र में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए राज्य को बड़ी सफलता मिली है। सिंगल विंडो सिस्टम, नई औद्योगिक और स्टार्टअप नीतियों की वजह से उत्तराखंड निवेश का नया केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “एक जनपद–दो उत्पाद”, हाउस ऑफ हिमालयाज, मिलेट मिशन और नई पर्यटन व फिल्म नीति जैसी योजनाएं स्थानीय लोगों की आजीविका को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में मिली उपलब्धियाँ राज्य के पारदर्शी और जनसहभागिता वाले शासन की पहचान हैं।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार विकास के साथ-साथ संस्कृति, जनसंख्या संतुलन और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए भी समर्पित है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की नीतियाँ और नवाचार अब अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं और “विकसित भारत–2047” की दिशा तय करने में योगदान दे रहे हैं। देहरादून में 13 से 15 दिसंबर तक 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। इसका विषय है “विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी”। इस मौके पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, स्वामी चिदानंद मुनि, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक, देहरादून चैप्टर अध्यक्ष रवि बिजारनिया और रूस से आए प्रतिनिधि सहित देशभर के कई जनसंपर्क और कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स मौजूद रहे।


