देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में महेंद्र भट्ट की ताजपोशी का अवसर भले ही संगठनात्मक रूप से महत्वपूर्ण रहा हो, लेकिन कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जुबानी सुनाया गया एक पुराना किस्सा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया।
कार्यक्रम में मौजूद पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तीरथ सिंह रावत ने मंच से अपने पुराने साथी महेंद्र भट्ट की संघर्ष यात्रा को बेहद रोचक अंदाज़ में साझा किया। उन्होंने बताया कि भट्ट जी की राजनीतिक यात्रा कितनी कठोर और संघर्षपूर्ण रही है। उन्होंने कहा, “महेंद्र भट्ट को शादी के सिर्फ़ पांच दिन बाद ही एक यात्रा में भाग लेना पड़ा, और उस दौरान उन्हें खूब लाठियां पड़ी थीं।” इस वाकये को सुनते ही मंच से लेकर पांडाल तक हंसी की फुसफुसाहट सुनाई दी, लेकिन यह किस्सा भट्ट की प्रतिबद्धता और त्याग को भी उजागर करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने भावुक होते हुए आगे कहा, “भट्ट जी ने तो जेल की हवा भी खाई है। यह आसान नहीं होता, लेकिन उन्होंने हर संघर्ष को स्वीकार किया और पार्टी के लिए हमेशा समर्पित भाव से काम किया।”
कार्यक्रम में यह व्यक्तिगत और संघर्ष से जुड़ी बातें सुनकर उपस्थित कार्यकर्ताओं का उत्साह और भी बढ़ गया। उन्होंने महेंद्र भट्ट की सादगी, संगठन के प्रति समर्पण और वर्षों की मेहनत को पार्टी के लिए एक प्रेरणा बताया।
महेंद्र भट्ट की ताजपोशी पर इस किस्से ने माहौल को एक मानवीय और भावनात्मक रंग दे दिया। जहां एक ओर यह उनके राजनीतिक जीवन के कठिन दौर की झलक थी, वहीं दूसरी ओर यह भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश भी था – कि सच्ची लगन, साहस और संघर्ष का फल जरूर मिलता है।
कार्यक्रम के बाद यह किस्सा न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चित रहा। तीरथ सिंह रावत की जुबानी महेंद्र भट्ट के संघर्ष की यह कहानी, आज उनकी सफलता के साथ एक मिसाल के रूप में सामने आई।
