उत्तराखंड में श्रेय लेने की होड़ ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। हाल ही में धामी सरकार ने ड्रग विभाग में 18 औषधि निरीक्षकों की नियुक्ति की थी, और उनके तैनाती स्थल भी निर्धारित कर दिए गए हैं। लेकिन अब सोमवार को इन नव नियुक्त ड्रग इंस्पेक्टर्स को औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपने जाने की तैयारी की जा रही हैं।इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। लोग इसे सरकार की छवि चमकाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इससे विभागीय प्रक्रिया का मजाक बनता है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन निरीक्षकों को पहले ही तैनाती स्थल दे दिए गए थे, उन्हें अब सार्वजनिक रूप से नियुक्ति पत्र दिए जाना कितना वाजिब कदम होगा ? इस पूरे घटनाक्रम पर अब सवाल उठ रहे हैं।राज्य में पहले से ही बेरोजगारी और नियुक्तियों को लेकर असंतोष है, ऐसे में इस तरह की “औपचारिकता” कहीं सरकार के लिए उलटा असर न डाल दे, यह चिंता का विषय बन गया है।
