उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने साल 2011 में 4 नए जिले बनाने की घोषणा तो कर दी लेकिन इसके बाद खुद भाजपा भी अपने इस वादे को भूल गई.. लेकिन अब भाजपा के ही एक विधायक ने अपनी ही सरकार को उसके वायदे की याद दिलाई है, यहां तक कि इस मामले पर विधानसभा में भी विधायक ने नियम 300 के तहत सूचना लगाई है। प्रदेश में भाजपा सरकार ने 4 नए जिलों के गठन की घोषणा करके राज्य में राजनीति को और भी तेज कर दिया था.. हालांकि उनकी यह घोषणा काम नहीं आई और 2012 में कांग्रेस में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। कांग्रेस की सरकार आने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था ना कि जब 2017 में एक बार भी भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार आई तो नए जिलों के गठन को लेकर उम्मीद जगी। लेकिन पिछले करीब साढे 4 साल में भाजपा के किसी भी नेता को इस मामले पर याद नहीं आई और जिलों के गठन पर मामला जस का तस बना रहा। इस मामले में अब विधानसभा के आखिरी सत्र में भाजपा के ही विधायक केदार सिंह रावत ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था उन्होंने नियम 300 के तहत विधानसभा में सूचना लगाई। खास बात यह है कि भाजपा के ही विधायक ने अपनी सरकार के वायदे को याद दिला कर सरकार को इसका जवाब देने के लिए मजबूर किया है। वैसे आपको बता दें कि इस मामले में पहले ही भाजपा सरकार ने आयोग गठित करके जिलों के गठन को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है हालांकि अब तक इस पर कोई प्रगति नजर नहीं आई है। उधर दूसरी तरफ जिन क्षेत्रों को जिला बनाने की घोषणा की गई थी वहां के लोग लगातार सरकार से वादा पूरा करने की मांग कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने यमुनोत्री डीडीहाट रानीखेत और कोटद्वार को जिला बनाने की घोषणा की थी। आपको यह भी बता दे कि यमुनोत्री में इसको लेकर जबरदस्त आंदोलन भी चल रहा है और केदार सिंह रावत यमुनोत्री सेही भाजपा के विधायक हैं।