कृषि कानून को लेकर केंद्र के बड़ा दिल दिखाने के बाद अब देवस्थानम बोर्ड को लेकर राज्य सरकार के बडे दिल दिखाने का इंतजार शुरू….

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कृषि कानून हटाए जाने को लेकर जहां भाजपा के नेता इसे केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हुए प्रधानमंत्री का बड़ा दिल बता कर वाहवाही लूट रहे हैं। तो अब देवस्थानम बोर्ड को लेकर भी सरकार के बड़े दिल दिखाई जाने का इंतजार होने लगा है । लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर पंडा पुरोहित समाज आंदोलनरत है ऐसे में अब सबकी नजर राज्य सरकार के फैसले पर टिकी है ।
त्रिवेंद्र रावत सरकार के दौरान राज्य में देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था जिसका शुरुआत से ही विरोध हो रहा है अब केंद्र ने कृषि कानून वापस लिया तो देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को लेकर भी पुरोहितों में आस जगी, अब पंडा पुरोहित समाज की नजर राज्य राज्य सरकार के फैसले पर है कि आखिरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार क्या निर्णय लेने जा रही है हालांकि हरक सिंह रावत ने यह जरूर स्पष्ट किया है कि यदि बोर्ड भंग करने की जरूरत पड़ती है तो सरकार उसे वापस लेने में विचार कर सकती है।। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई कानून बनाया है और उसका विरोध हो रहा हा तो सरकार उस पर पुनर्विचार करेगी।। वहीं कांग्रेस ने भी आओ देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार का घेराव करना शुरू कर दिया है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने कांग्रेस के दबाव में किसी कानून को वापस लिया और अब कांग्रेस के दबाव में ही सरकार देवस्थानम बोर्ड को भी वापस लेगी।। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग लगातार उठ रही है ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इस पर निर्णय ले लेना चाहिए।। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने भी सरकार की मंशा पर साल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार देवस्थानम बोर्ड भंग करने से अभी भी बच रही है जिससे तमाम लोग खफा है।।केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून समाप्त किए जाने की घोषणा की गई तो अब उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहे देवस्थानम बोर्ड को लेकर आंदोलन कर रहे पंडा पुरोहितों की नजर राज्य सरकार पर है कि आखिरकार देवस्थानम बोर्ड लेकर सरकार कब ठोस निर्णय लेगी लेकिन इन सबके बीच इस पर राज्य में राजनीति जरूर गर्माने लगी है।।