यूकेडी के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक ने कहा कि राज्य बनने के 20 वर्षों बाद भी उत्तराखंड राज्य की हालत बद से बदतर है संसाधनो की अपार संभावनाओं के बाद सरकार नौजवानों को रोजगार नहीं दे पा रही है, प्रदेश में लगातार नौजवानों का पलायन हुआ है वैश्विक महामारी के बाद उत्तराखंड में लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदेश में बदहाल हैं ताजा उदाहरण प्रदेश की प्रतिपक्ष के नेता को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज और देहरादून के मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पतालों के बाद भी समुचित इलाज नहीं मिल पाया एयर एंबुलेंस से गुरुग्राम हॉस्पिटलाइज्ड किया गया तब सवाल खड़ा होता है कि आम आदमी कहां जाए सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है प्राइवेट अस्पताल में एक कमरे की व्यवस्था तक सरकार नहीं करा पाई इससे सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल पट्टी खुल गई है कई वर्षों में सरकार सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन नहीं निकाल पा रही है परीक्षाओं के परिणाम आने में बहुत समय लग जाता है जिसके कारण नौजवान अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है और ओवर एज हो जा रहे हैं आपके पत्र के माध्यम से सरकार से कहना चाहते हैं कि सरकारी पदों पर विज्ञप्ति निकाल कर जल्दी से जल्दी नियुक्तियां करे ताकि नवयुवकों को रोजगार मिल सके साथ ही उक्रांद का यह भी कहना है कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था सरकार अन्य प्रदेशों की भांति आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की छात्रों को 3 वर्ष का आयु में छूट प्रदान उत्तराखंड में भी लागू करें ताकि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को रोजगार मिल सके उत्तराखंड में लंबे समय से रोजगार नियुक्तियां नहीं हो पाई है इस कारण पढ़ेलिखे नवजवान ओवर एज होते जा रहे हैं सरकार को चाहिए इन पदों पर भर्ती में आयु सीमा में 3 वर्ष के छूट प्रदान कर उम्र 45 साल करें ताकि इन बेरोजगार युवाओं को एक अवसर मिल सके।