सीएम कार्यालय से भेज गए पत्र को भी गंभीरता से नहीं ले रहा स्वास्थ्य महानिदेशालय…कहीं गायब तो नही कर दिया गया पत्र ?

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देहरादून,स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारी और उनके कारनामे किसी से छुपे नहीं है आलम यह है कि महानिदेशालय के अधिकारी इतने बेलगाम हो गए हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय की गरिमा और गंभीरता को भी समझने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री के कार्यालय से 5 मार्च को जारी एक पत्र में स्वास्थ्य महानिदेशाक से जवाब तलब किया गया था जिसमें पीएम अभिम (ABIM ) योजना में विभाग द्वारा की गई मनमानी का जिक्र दर्शाया गया था। समाचार4U की खबर का संज्ञान लेते हुए सीएम कार्यालय के द्वारा साफ निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें समाचार का संज्ञान लेते हुए प्रकरण में शीघ्र कार्रवाई किया जाना एवं कृत कार्रवाई से महानिदेशक सूचना एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराने के निर्देश दिए गए थे। स्वास्थ्य महानिदेशक को 28 मार्च तक इस पत्र की जानकारी ही नहीं थी कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई इस प्रकार का पत्र भी भेजा हुआ है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीत शाह ने बताया कि यह पत्र उनके सामने से नहीं गुजरा है यदि गुजरा भी है तो उसे पर गौर नहीं किया गया है उनके इस जवाब के बाद भी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम कार्यालय के पत्र महानिदेशालय में कितनी गंभीरता से लिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि मामले को दिखाकर अब कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। भला मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र को लेकर ही जब स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर इतनी हीला हवाली हो रही है तो फिर अन्य पत्रों को लेकर स्वास्थ्य महकमा कितना गंभीर होगा इसका स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है स्वास्थ्य महानिदेशक के इर्द-गिर्द बैठने वाले कर्मचारी भी मानो जैसे महानिदेशक को उन पत्रों से अवगत ही नहीं करते जिन पर इतनी गंभीर टिप्पणी मुख्यमंत्री कार्यालय से की गई हो।। सवाल उठना भी लाजमी है कि सीएम कार्यालय के पत्र को ही स्वास्थ्य महानिदेशक के सम्मुख प्रस्तुत नहीं किया गया, वह पत्र 20 दिनों से ज्यादा बीत जाने पर भी महानिदेशक के संज्ञान में नहीं आया ये बताता कि विभाग में कुछ तो खेल हो रहा है।